श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 18: महाप्रभु का समुद्र से बचाव  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  3.18.9 
এই-মত রাস-লীলায হয যত শ্লোক
সবার অর্থ করে, পায কভু হর্ষ-শোক
एइ - मत रास - लीलाय हय यत श्लोक ।
सबार अर्थ करे, पाय कभु हर्ष - शोक ॥9॥
 
अनुवाद
इस तरह उन्होंने रास लीला से जुड़े सभी श्लोकों का अर्थ समझाया। कभी-कभी वह बहुत दुखी हो जाते और कभी-कभी अत्यंत खुश हो जाते।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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