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श्लोक 3.18.72  |
অতি-দীর্ঘ শিথিল তনু-চর্ম নট্কায
দূর পথ উঠাঞা ঘরে আনান না যায |
अति - दीर्घ शिथिल तनु - चर्म नट्काय ।
दूर पथ उठाञा घरे आनान ना याय ॥72॥ |
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अनुवाद |
महाप्रभु का शरीर लम्बा हो गया था और उनकी त्वचा शिथिल और ढीली लटक रही थी। उन्हें उठाकर इतनी लम्बी दूरी तक ले जाना असंभव होता। |
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