|
|
|
श्लोक 3.18.23  |
জীব হঞা করে যেই তাহার বর্ণন
আপনা শোধিতে তার ছোঙ্যে এক ‘কণ’ |
जीव ह ञा करे येइ ताहार वर्णन ।
आपना शोधिते तार छोंये एक ‘कण’ ॥23॥ |
|
अनुवाद |
जब कोई साधारण प्राणी श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं का वर्णन करता है, तब वह उस लीला महासागर की एक बूँद को छूकर अपने आप को पवित्र कर लेता है। |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|