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श्लोक 3.16.91  |
বহু-মূল্য প্রসাদ সেই বস্তু সর্বোত্তম
তার অল্প খাওযাইতে সেবক করিল যতন |
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बहु - मूल्य प्रसाद सेइ वस्तु सर्वोत्तम ।
तार अल्प खाओयाइते सेवक करिल यतन ॥91॥ |
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अनुवाद |
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यह प्रसाद अत्यंत कीमती सामानों से बना हुआ था। इसलिए नौकरगण उसका थोड़ा सा हिस्सा श्री चैतन्य महाप्रभु को खिलाना चाहते थे। |
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