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श्लोक 3.16.76  |
চৈতন্য-প্রভুর এই কৃপার মহিমা
ব্রহ্মাদি দেব যার নাহি পায সীমা |
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चैतन्य - प्रभुर एइ कृपार महिमा ।
ब्रह्मादि देव यार नाहि पाय सीमा ॥76॥ |
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अनुवाद |
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यह श्री चैतन्य महाप्रभु की अहेतुक कृपा की महिमा है, जिसका ब्रह्माजी और देवगण भी अनुमान नहीं लगा सकते। |
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