|
|
|
श्लोक 3.16.70  |
ইহারে নারিলুঙ্ কৃষ্ণ-নাম কহাইতে!”
শুনিযা স্বরূপ-গোসাঞি লাগিলা কহিতে |
|
 |
|
इहारे नारिलुँ कृष्ण - नाम कहाइते !” ।
शुनिया स्वरूप - गोसाञि लागिला कहिते ॥70॥ |
|
अनुवाद |
|
"लेकिन मैं इस बालक से कृष्ण का पवित्र नाम नहीं जपवा सका।" यह सुनकर स्वरूप दामोदर गोस्वामी बोलने लगे। |
|
|
|
|