श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 16: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा कृष्ण के अधरों का अमृतपान  »  श्लोक 65
 
 
श्लोक  3.16.65 
সে বত্সর শিবানন্দ পত্নী লঞা আইলা
‘পুরী-দাস’-ছোট-পুত্রে সঙ্গেতে আনিলা
 
 
से वत्सर शिवानन्द पत्नी लञा आइला ।
‘पुरी - दास’ - छोट - पुत्रे सङ्क्ते आनिला ॥65॥
 
अनुवाद
 
  उस साल शिवानंद सेन अपनी बीवी और अपने सबसे छोटे बेटे पुरीदास को भी साथ लाए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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