প্রতি-দিন তাঙ্রে প্রভু করেন নমস্কার
নমস্করি’ এই শ্লোক পডে বার-বার
प्रति - दिन ताँरे प्रभु करेन नमस्कार ।
नमस्क रि’ एइ श्लोक पड़े बार - बार ॥51॥
अनुवाद
अपने बाईं ओर भगवान नृसिंह का अर्चाविग्रह होने पर श्री चैतन्य महाप्रभु ने उन्हें नमन किया क्योंकि वे मंदिर की ओर जा रहे थे। नमन करते हुए वे बार-बार निम्नलिखित श्लोक पढ़ते थे।