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श्लोक 3.16.43  |
গোবিন্দেরে মহাপ্রভু কৈরাছে নিযম
‘মোর পাদ-জল যেন না লয কোন জন’ |
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गोविन्देरे महाप्रभु कैराछे नियम ।
‘मोर पाद - जल येन ना लय कोन ज न’ ॥43॥ |
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अनुवाद |
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श्री चैतन्य महाप्रभु ने अपने निजी सेवक गोविन्द को निर्देश दिया था कि उनके चरण धोने के बाद बचे हुए पानी को कोई न ले। |
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