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श्लोक 3.16.42  |
সেই গাডে করেন প্রভু পাদ-প্রক্ষালনে
তবে করিবারে যায ঈশ্বর-দরশনে |
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सेइ गाड़े करेन प्रभु पाद - प्रक्षालने ।
तबे करिबारे याय ईश्वर - दरशने ॥42॥ |
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अनुवाद |
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श्री चैतन्य महाप्रभु इस गड्ढे में अपने पाँव धोया करते थे, और तब वो मंदिर में प्रवेश करके भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन करते थे। |
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