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श्लोक 3.16.4  |
বর্ষান্তরে আইলা সব গৌডের ভক্ত-গণ
পূর্ববত্ আসি’ কৈল প্রভুর মিলন |
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वर्षान्तरे आइला सब गौड़ेर भक्त - गण ।
पूर्ववत् असि’ कैल प्रभुर मिलन ॥4॥ |
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अनुवाद |
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अगले वर्ष, हमेशा की तरह सभी भक्त बंगाल से जगन्नाथ पुरी आए और पिछले सालों की तरह वहाँ भक्तों और श्री चैतन्य महाप्रभु का मिलन हुआ। |
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