वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 3: अन्त्य लीला
»
अध्याय 16: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा कृष्ण के अधरों का अमृतपान
»
श्लोक 38
श्लोक
3.16.38
এই-মত যত বৈষ্ণব বৈসে গৌড-দেশে
কালিদাস ঐছে সবার নিলা অবশেষে
एइ - मत यत वैष्णव वैसे गौड़ - देशे ।
कालिदास ऐछे सबार निला अवशेषे ॥38॥
अनुवाद
play_arrowpause
ऐसे तरीके से कालिदास ने बंगाल में रहने वाले सभी वैष्णवों का बचा हुआ भोजन खाया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.