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श्लोक 3.16.36  |
আঙ্ঠি-চোষা সেই পাটুযা-খোলাতে ভরিযা
বাহিরে উচ্ছিষ্ট-গর্তে ফেলাইলা লঞা |
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आँठि - चोषा सेइ पाटुया - खोलाते भरिया ।
बाहिरे उच्छिष्ट गर्ने फेलाइला लञा ॥36॥ |
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अनुवाद |
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जब वह खाना खा चुकी, तो उसने केले के पत्तों और छाल में बीज तथा छिलके लिए और उन्हें उठाकर उस गड्ढे में फेंक दिया जहाँ सारा कचरा फेंका जाता था। |
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