वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 3: अन्त्य लीला
»
अध्याय 16: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा कृष्ण के अधरों का अमृतपान
»
श्लोक 21
श्लोक
3.16.21
পবিত্র হ-ইনু মুই পাইনু দরশন
কৃতার্থ হ-ইনু, মোর সফল জীবন
पवित्र ह - इनु मुइ पाइनु दरशन ।
कृतार्थ ह - इनु, मोर सफल जीवन ॥21॥
अनुवाद
play_arrowpause
“आपको देखते ही मैं पवित्र हो गया हूँ। मैं आपका बहुत आभारी हूँ, क्योंकि अब मेरा जीवन सफल हो गया है।”
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.