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श्लोक 18
श्लोक
3.16.18
“আমি — নীচ-জাতি, তুমি, — অতিথি সর্বোত্তম
কোন্ প্রকারে করিমু আমি তোমার সেবন?
“आमि - नीच - जाति, तुमि, - अतिथि सर्वोत्तम ।
कोन् प्रकारे करिमु आमि तोमार सेवन? ॥18॥
अनुवाद
मैं एक निचली जाति से हूँ और आप मेरे बहुत सम्मानित अतिथि हैं। मैं आपकी सेवा किस प्रकार करूँ?
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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