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श्लोक 3.16.14  |
ভূঙিমালি-জাতি, ‘বৈষ্ণব’ — ‘ঝডু’ তাঙ্র নাম
আম্র-ফল লঞা তেঙ্হো গেলা তাঙ্র স্থান |
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भूडिमालि - जाति, ‘वैष्णव’ ‘झड़’ ताँर नाम ।
आम्र - फल ल ञा तेंहो गेला ताँर स्थान ॥14॥ |
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अनुवाद |
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भूमिहार जाति के झडु ठाकुर नाम के एक महान वैष्णव थे। कालिदास उनके घर अपने साथ आम लेकर गए। |
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