|
|
|
श्लोक 3.16.118  |
শ্লোক শুনি’ মহাপ্রভু মহা-তুষ্ট হৈলা
রাধার উত্কণ্ঠা-শ্লোক পডিতে লাগিলা |
श्लोक शुनि’ महाप्रभु महा - तुष्ट हैला ।
राधार उत्कण्ठा - श्लोक पड़िते लागिला ॥118॥ |
|
अनुवाद |
रामानंद राय द्वारा यह श्लोक सुनाए जाने पर श्री चैतन्य महाप्रभु अत्यधिक प्रसन्न हुए। इसके बाद उन्होंने स्वयं निम्नलिखित श्लोक सुनाया, जिसे श्रीमती राधारानी ने अत्यंत उत्कंठा में कहा था। |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|