श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 16: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा कृष्ण के अधरों का अमृतपान  »  श्लोक 101
 
 
श्लोक  3.16.101 
এত বলি’ প্রভু তা-সবারে বিদায দিলা
উপল-ভোগ দেখিযা প্রভু নিজ-বাসা আইলা
 
 
एत बलि’ प्रभु ता - सबारे विदाय दिला ।
उपल - भोग देखिया प्रभु निज - वासा आइला ॥101॥
 
अनुवाद
 
  ऐसा कहकर श्री चैतन्य महाप्रभु ने सारे सेवकों को विदा किया। फिर उपलभोग अर्थात भोजन भेंट करने के बाद वे अपने स्थान पर लौट आये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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