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श्लोक 3.15.96  |
প্রলাপ সহিত এই উন্মাদ-বর্ণন
শ্রী-রূপ-গোসাঞি ইহা করিযাছেন বর্ণন |
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प्रलाप सहित एइ उन्माद - वर्णन ।
श्री - रूप - गोसाञि इहा करियाछेन वर्णन ॥96॥ |
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अनुवाद |
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वहॉं उन्होंने दिव्य उन्माद और प्रलाप दिखाया, जिसका श्री रूप गोस्वामी ने अपनी ‘स्तवमाला’ में इस प्रकार सुंदर ढंग से वर्णन किया है। |
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