श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 15: श्री चैतन्य महाप्रभु का दिव्य उन्माद  »  श्लोक 91
 
 
श्लोक  3.15.91 
‘বল্’ ‘বল্’ প্রভু বলেন, ভক্ত-গণ শুনি’
চৌদিকেতে সবে মেলি’ করে হরি-ধ্বনি
 
 
‘बल्’ ‘बल्’ प्रभु बलेन, भक्त - गण शुनि’ ।
चौदिकेते सबे मेलि’ करे हरि - ध्वनि ॥91॥
 
अनुवाद
 
  जब भक्तों ने महाप्रभु को "गाते रहो!" कहते सुना तो वे सब उनके चारों ओर एकत्र हो गये और एक साथ हरिनाम का कीर्तन करने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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