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श्लोक 82
श्लोक
3.15.82
স্বরূপ-গোসাঞিরে কহেন, — “গাও এক গীত
যাতে আমার হৃদযের হযে ত’ ‘সম্বিত্’ ”
स्वरूप - गोसाञि रे कहेन ,_“गाओ एक गीत ।
याते आमार हृदयेर हये त’ ‘सम्वित् ॥82॥
अनुवाद
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तब श्री चैतन्य महाप्रभु ने स्वरूप दामोदर गोस्वामी से बोले, "कृपया मेरे हृदय को सचेत करने के लिए एक गीत गाओ।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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