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अध्याय 15: श्री चैतन्य महाप्रभु का दिव्य उन्माद
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श्लोक 79
श्लोक
3.15.79
প্রভু কহে, — “কৃষ্ণ মুঞি এখন-ই পাইনু
আপনার দুর্দৈবে পুনঃ হারাইনু
प्रभु कहे, - “कृष्ण मुञि एखन - इ पाइनु ।
आपनार दुर्दैवे पुनः हाराइनु ॥79॥
अनुवाद
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श्री चैतन्य महाप्रभु तब बोले, "अभी-अभी मुझे कृष्ण मिले थे, पर दुर्भाग्य देखिए, फिर से खो गए।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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