সুললিত দীর্ঘার্গল, কৃষ্ণের ভুজ-যুগল,
ভুজ নহে, — কৃষ্ণ-সর্প-কায
দুই শৈল-ছিদ্রে পৈশে, নারীর হৃদযে দṁশে,
মরে নারী সে বিষ-জ্বালায
सुललित दीर्घार्गल, कृष्णेर भुज - युगल,
भुज नहे, - कृष्ण - सर्प - काय ।
दुइ शैल - छिद्रे पैशे, नारीर हृदये दंशे,
मरे नारी से विष - ज्वालाय ॥75॥
अनुवाद
"कृष्ण की दोनों सुंदर भुजाएँ बड़ी बाँह वाले शेरों की तरह हैं। वे काले सनाकाओं के शरीर से भी मिलती जुलती हैं, जो स्त्रियों के दो पर्वताकार स्तनों के बीच की सन्धि में प्रवेश करके उनके हृदयों को डस लेते हैं। तब स्त्रियाँ विष के कारण मर जाती हैं।"