বান্ধব কৃষ্ণ করে ব্যাধের আচার
নাহি মানে ধর্মাধর্ম, হরে নারী-মৃগী-মর্ম,
করে নানা উপায তাহার
बान्धव कृष्ण करे व्याधेर आचार
नाहि माने धर्माधर्म, हरे नारी - मृगी - मर्म, ।
करे नाना उपाय ताहार ॥72॥
अनुवाद
हे मेरी सहेली, कृष्ण एक शिकारी की तरह व्यवहार करते हैं। यह शिकारी पुण्य या पाप की चिंता नहीं करता। वह मादा हरिण जैसी गोपियों के हृदय के कोने-कोने पर विजय प्राप्त करने हेतु तरह-तरह के उपाय करता है।