"हे कृष्ण, केशों से सुशोभित आपके सुंदर मुख को, आपके गालों पर लटकते कुंडल की शोभा को, आपके होंठों के अमृत-समान सौंदर्य को, आपकी हंसीली चितवन को, अभयदान करने वाली आपकी भुजाओं को तथा दांपत्य प्रेम को जागृत करने वाले आपके चौड़े वक्ष को देखकर हमने आपकी दासी बनना स्वीकार कर लिया है।"