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अध्याय 15: श्री चैतन्य महाप्रभु का दिव्य उन्माद
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श्लोक 59
श्लोक
3.15.59
পূর্ববত্ সবে মিলি’ করাইলা চেতন
উঠিযা চৌদিকে প্রভু করেন দর্শন
पूर्ववत्सबे मिलि’ कराइला चेतन ।
उठिया चौदिके प्रभु करेन दर्शन ॥59॥
अनुवाद
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एक बार फिर सारे भक्तों ने मिलकर प्रयत्न करके श्री चैतन्य महाप्रभु को फिर से होश में ला दिया। उसके बाद महाराज जी उठे और इधर-उधर घूमने लगे और चारों ओर निहारने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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