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श्लोक 3.15.54  |
কৃষ্ণের বিযোগে এই সেবক দুঃখিত
কিবা উত্তর দিবে? ইহার নাহিক সম্বিত্” |
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कृष्णेर वियोगे एइ सेवक दुःखित ।
किबा उत्तर दिले ? इहार नाहिक सम्वित्” ॥54॥ |
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अनुवाद |
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“कृष्ण के वियोग ने इन सेवकों को अत्यंत दुःखी कर दिया है। अपनी होश-हवास खोकर ये हमें किस तरह उत्तर दे सकते हैं?” |
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