श्री चैतन्य महाप्रभु ने बोला, "हे मृगी, भगवान श्री कृष्ण अपनी प्रेमिका के साथ प्रेमलीला कर रहे थे, जिससे उसके उभरे हुए सीने पर लगा कुंकुम श्री कृष्ण की कुंद फूलों की माला पर चिपक गया है। उस माला की सुगंध यहाँ बह रही है। हे प्रिय सखी, क्या तूने कृष्ण को अपनी सबसे प्यारी संगिनी के साथ इस तरफ़ से जाते और तुम सबों की आँखों के आनंद को बढ़ाते देखा है?"