श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 15: श्री चैतन्य महाप्रभु का दिव्य उन्माद  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  3.15.36 
কৃষ্ণ তোমার ইহাঙ্ আইলা, পাইলা দরশন?
কৃষ্ণের উদ্দেশ কহি’ রাখহ জীবন
 
 
कृष्ण तोमार इहाँ आइला, पाइला दरशन ? ।
कृष्णेर उद्देश कहि’ राखह जीवन ॥36॥
 
अनुवाद
 
  "क्या तुमने कृष्ण को इधर आते देखा है? कृपा करके हमें बता दो कि वे किधर चले गये हैं और हमारे प्राणों की रक्षा करो।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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