आम्र, पनस, पियाल, जम्बु, कोविदार ।
तीर्थ - वासी सबे, कर पर - उपकार ॥35॥
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु ने कहा, "हे आम के पेड़, हे कटहल के पेड़, हे पियाल, जामुन और कोविदार के पेड़ों, तुम सभी पवित्र स्थान के निवासी हो। इसलिए, कृपया दूसरों की भलाई के लिए कार्य करो।