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श्लोक 3.15.31  |
সেই ভাবাবেশে প্রভু প্রতি-তরু-লতা
শ্লোক পডি’ পডি’ চাহি’ বুলে যথা তথা |
सेइ भावावेशे प्रभु प्रति - तरु - लता ।
श्लोक प ड़ि’ पड़ि’ चाहि’ बुले यथा तथा ॥31॥ |
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अनुवाद |
गोपियो के भाव में लीन होकर श्री चैतन्य महाप्रभु इधर-उधर विचरण करने लगे। वे सारे वृक्षों और लताओं को श्लोक सुनाते हुए कृष्ण के बारे में पूछने लगे। |
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