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श्लोक 3.13.9  |
স্বরূপ-গোসাঞিকে কহে জগদানন্দ
‘আজি আপনে যাঞা প্রভুরে করাইহ শযন’ |
स्वरूप - गोसाञि के कहे जगदानन्द ।
‘आजि आपने या ञा प्रभुरे कराइह शयन’ ॥9॥ |
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अनुवाद |
जगदानन्द ने स्वरूप दामोदर गोस्वामी से कहा, “आज तुम कृपया स्वयं श्री चैतन्य महाप्रभु से आग्रह करो कि वो शय्या पर ही लेट रहें।” |
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