वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 3: अन्त्य लीला
»
अध्याय 13: जगदानन्द पण्डित तथा रघुनाथ भट्ट गोस्वामी के साथ लीलाएँ
»
श्लोक 5
श्लोक
3.13.5
কলার শরলাতে, শযন, অতি ক্ষীণ কায
শরলাতে হাড লাগে, ব্যথা হয গায
कलार शरलाते, शयन, अति क्षीण काय ।
शरलाते हाड़ लागे, व्यथा हय गाय ॥5॥
अनुवाद
क्योंकि वे अत्यंत दुबले-पतले थे, इस वजह से जब वे केले के शुष्क छिलकों पर लेटते थे, तो इससे उनकी हड्डियों में दर्द होता था।
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.