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श्लोक 3.13.41  |
এত বলি’ জগদানন্দে কৈলা আলিঙ্গন
জগদানন্দ চলিলা প্রভুর বন্দিযা চরণ |
एत बलि’ जगदानन्दे कैला आलिङ्गन ।
जगदानन्द चलिला प्रभुर वन्दिया चरण ॥41॥ |
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अनुवाद |
यह बोलकर श्री चैतन्य महाप्रभु ने जगदानंद पंडित को गले लगा लिया। जगदानंद पंडित ने भी प्रभु के चरणकमलों की प्रणाम किया और वृंदावन के लिए रवाना हो गए। |
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