श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 13: जगदानन्द पण्डित तथा रघुनाथ भट्ट गोस्वामी के साथ लीलाएँ  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  3.13.38 
সনাতন-সঙ্গে করিহ বন দরশন
সনাতনের সঙ্গ না ছাডিবা এক-ক্ষণ
सनातन - सड़े करिह वन दरशन ।
सनातनेर सङ्ग ना छाड़िबा एक - क्षण ॥38॥
 
अनुवाद
सनातन गोस्वामी के साथ वृन्दावन के बारहों वनों की यात्रा करो। एक पल के लिए भी उनका साथ मत छोड़ना।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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