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श्लोक 3.13.32  |
আইরে দেখিতে যৈছে গৌড-দেশে যায
তৈছে এক-বার বৃন্দাবন দেখি’ আয” |
आइरे देखिते यैछे गौड़ - देशे याय ।
तैछे एक - बार वृन्दावन देखि’ आय” ॥32॥ |
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अनुवाद |
"आपने उन्हे माता शची से मिलने बंगाल जाने के लिए उनकी प्रार्थना स्वीकार की है; उसी तरह से आप उन्हें वृंदावन जाने और वापस इधर आने की इजाज़त ने ही दे सकते हैं।" |
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