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श्लोक 3.11.75  |
শুনিযা পসারি সব চাঙ্গডা উঠাঞা
প্রসাদ দিতে আসে তারা আনন্দিত হঞা |
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शुनिया पसारि सब चाङ्गड़ा उठाञा ।
प्रसाद दिते आसे तारा आनन्दित ह ञा ॥75॥ |
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अनुवाद |
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यह सुनते ही, सारे दूकानदार तुरंत बड़ी-बड़ी टोकरियों में प्रसाद भरकर ले आए और प्रसन्नता के साथ उसे श्री चैतन्य महाप्रभु को अर्पित कर दिया। |
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