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श्लोक 3.11.43  |
মধ্যাহ্ন করিতে প্রভু চলিলা আপনে
ঈশ্বর দেখিযা কালি দিবেন দরশনে |
मध्याह्न करिते प्रभु चलिला आपने ।
ईश्वर देखिया कालि दिबेन दरशने ॥43॥ |
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अनुवाद |
चूँकि दोपहर के काम शेष थे, अतः श्री चैतन्य महाप्रभु वहाँ से विदा लेने को उठ खड़े हुए। परन्तु यह निश्चित हुआ कि अगले दिन भगवान जगन्नाथजी का दर्शन करके आने के बाद श्री चैतन्य महाप्रभु हरिदास ठाकुर के पास फिर से आएंगे। |
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