प्रभु कहे,_“वृद्ध ह - इला ‘सङ्ख्या’ अल्प कर ।
सिद्ध - देह तुमि, साधने आग्रह केने क र? ॥24॥
अनुवाद
महाप्रभु ने कहा, “अब जब कि तुम वृद्ध हो गए हो, तो दैनिक मंत्रों की संख्या घटा सकते हो। तुम पहले से ही मुक्त हो, इसलिए तुम्हें नियमों का बहुत सख्ती से पालन करने की आवश्यकता नहीं है।