श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 11: हरिदास ठाकुर का महाप्रयाण  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  3.11.21 
আর দিন মহাপ্রভু তাঙ্র ঠাঞি আইলা
সুস্থ হও, হরিদাস — বলি’ তাঙ্রে পুছিলা
आर दिन महाप्रभु ताँर ठाञि आइला ।
सुस्थ हओ, हरिदास - बलि’ ताँरे पुछिला ॥21॥
 
अनुवाद
अगले दिन श्री चैतन्य महाप्रभु हरिदास के आवास पर गए और उनसे पूछा, "हरिदास, तुम्हारा स्वास्थ्य कैसा है?"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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