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श्लोक 20
श्लोक
3.11.20
এত বলি’ মহা-প্রসাদ করিলা বন্দন
এক রঞ্চ লঞা তার করিলা ভক্ষণ
एत बलि’ महा - प्रसाद करिला वन्दन ।
एक रञ्च लञा तार करिला भक्षण ॥20॥
अनुवाद
उसको कहते हुए, उन्होंने महा-प्रसाद की पूजा की, उसमें से थोड़ा-सा भाग लिया और सेवन किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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