श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 3: अन्त्य लीला  »  अध्याय 1: महाप्रभु से श्रील रूप गोस्वामी की द्वितीय भेट  »  श्लोक 208
 
 
श्लोक  3.1.208 
প্রভু-কৃপা রূপে, আর রূপের সদ্-গুণ
দেখি’ চমত্কার হৈল সবাকার মন
प्रभु - कृपा रूपे, आर रूपेर सदगुण ।
देखि’ चमत्कार हैल सबाकार मन ॥208॥
 
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु की श्रील रूप गोस्वामी पर विशेष कृपा तथा उनके व्यक्तिगत गुणों को देखकर सभी भक्त आश्चर्यचकित रह गये।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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