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श्लोक 2.9.6  |
অতএব নাম-মাত্র করিযে গণন
কহিতে না পারি তার যথা অনুক্রম |
अतएव नाम - मात्र करिये गणन् ।
कहिते ना पारि तार यथा अनुक्रम ॥6॥ |
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अनुवाद |
चूंकि इन सभी स्थानों का कालक्रम के अनुसार वर्णन कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है, इसलिए मैं केवल एक प्रतीकात्मक प्रयास करूंगा और उनका नामोल्लेख करूंगा। |
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