श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 9: श्री चैतन्य महाप्रभु की तीर्थयात्राएँ  »  श्लोक 304
 
 
श्लोक  2.9.304 
তবে মহাপ্রভু আইলা কৃষ্ণ-বেণ্বা-তীরে
নানা তীর্থ দেখি’ তাহাঙ্ দেবতা-মন্দিরে
तबे महाप्रभु आइला कृष्ण - वेण्वा - तीरे ।
नाना तीर्थ दे खि’ ताहाँ देवता - मन्दिरे ॥304॥
 
अनुवाद
इसके पश्चात् श्री चैतन्य महाप्रभु कृष्णवेण्वा नदी के किनारे गये, जहाँ उन्होंने कई तीर्थस्थलों और विभिन्न देवताओं के मंदिरों के दर्शन किये।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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