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श्लोक 2.9.281  |
কোলাপুরে লক্ষ্মী দেখি’ দেখেন ক্ষীর-ভগবতী
লাঙ্গ-গণেশ দেখি’ দেখেন চোর-পার্বতী |
कोलापुरे लक्ष्मी देखि’ देखेन क्षीर - भगवती ।
लाङ्ग - गणेश दे खि’ देखेन चोर - पार्वती ॥281॥ |
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अनुवाद |
इसके बाद श्री चैतन्य महाप्रभु कोलापुर नगर पधारे जहाँ क्षीर भगवती मंदिर में लक्ष्मीजी और चोर पार्वती नामक दूसरे मंदिर में लांग गणेश के दर्शन किए। |
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