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श्लोक 2.9.194  |
অপ্রাকৃত বস্তু নহে প্রাকৃত-গোচর
বেদ-পুরাণেতে এই কহে নিরন্তর |
अप्राकत वस्तु नहे प्राकत - गोचर ।
वेद - पुराणेते एइ कहे निरन्तर ॥194॥ |
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अनुवाद |
“आध्यात्मिक तत्त्व कभी भी भौतिक ज्ञान के दायरे में नहीं होता। यह हमेशा से ही वेद और पुराणों का निर्णय रहा है।” |
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