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श्लोक 2.9.144  |
নারাযণ হৈতে কৃষ্ণের অসাধারণ গুণ
অতএব লক্ষ্মীর কৃষ্ণে তৃষ্ণা অনুক্ষণ |
नारायण हैते कृष्णेर असाधारण गुण ।
अतएव लक्ष्मीर कृष्णे तृष्णा अनुक्षण ॥144॥ |
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अनुवाद |
"चूँकि लक्ष्मी जी ने कृष्ण में चार असाधारण गुण देखे थे जो कि भगवान नारायण में नहीं थे, इसलिए वे हमेशा उनकी संगति चाहती थीं।" |
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