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श्लोक 2.9.14  |
এই শ্লোক পথে পডি’ করিলা প্রযাণ
গৌতমী-গঙ্গায যাই’ কৈল গঙ্গা-স্নান |
एइ श्लोक पथे प ड़ि’ करिला प्रयाण ।
गौतमी - गङ्गाय याइ’ कैल गङ्गा - स्नान ॥14॥ |
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अनुवाद |
मार्ग में चलते-चलते श्री चैतन्य महाप्रभु इसी रामराघव मंत्र का जाप करते जा रहे थे। इसी तरह कीर्तन करते हुए वे गौतमी-गंगा के तट पर आ पहुँचे और उन्होंने वहीं स्नान किया। |
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