श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 8: श्री चैतन्य महाप्रभु तथा श्री रामानन्द राय के बीच वार्तालाप  »  श्लोक 233
 
 
श्लोक  2.8.233 
এত শুনি’ প্রভু তাঙ্রে কৈল আলিঙ্গন
দুই জনে গলাগলি করেন ক্রন্দন
एत शुनि’ प्रभु ताँरे कैल आलिङ्गन ।
दुइ जने गलागलि करेन क्रन्दन ॥233॥
 
अनुवाद
यह सुनकर श्री चैतन्य महाप्रभु ने रामानन्द राय को अपने बाहों में भर लिया और दोनों एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर रुदन करने लगे।
 
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.