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श्लोक 2.8.233  |
এত শুনি’ প্রভু তাঙ্রে কৈল আলিঙ্গন
দুই জনে গলাগলি করেন ক্রন্দন |
एत शुनि’ प्रभु ताँरे कैल आलिङ्गन ।
दुइ जने गलागलि करेन क्रन्दन ॥233॥ |
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अनुवाद |
यह सुनकर श्री चैतन्य महाप्रभु ने रामानन्द राय को अपने बाहों में भर लिया और दोनों एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर रुदन करने लगे। |
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