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श्लोक 2.8.16  |
প্রভু তাঙ্রে দেখি’ জানিল — এই রাম-রায
তাঙ্হারে মিলিতে প্রভুর মন উঠি’ ধায |
प्रभु ताँरे देखि’ जानिल - एइ राम - राय ।
ताँहारे मिलिते प्रभुर मन उठि’ धाय ॥16॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु ने समझ लिया कि जो व्यक्ति नदी में स्नान करने आए हैं, वे रामानंद राय हैं। महाप्रभु उनसे मिलने के लिए इतने उत्सुक हो उठे कि उनका मन तुरंत उनके पीछे दौड़ने लगा। |
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